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#डिजिटल जीवन एक हसीना की दो आँखों के संग आँखे चार

#डिजिटल जीवन

एक हसीना की दो आँखों के संग आँखे चार करो,

 लेकर फेरे सात बाँध लो ,तुम रिश्ता जीवन भर का

सात आठ दिन की मस्ती फिर ,पड़ता बोझ गृहस्थी का ,
pramodkumar5551

Pramod Kumar

Silver Star
New Creator

#डिजिटल जीवन एक हसीना की दो आँखों के संग आँखे चार करो, लेकर फेरे सात बाँध लो ,तुम रिश्ता जीवन भर का सात आठ दिन की मस्ती फिर ,पड़ता बोझ गृहस्थी का , #Hindi #poem #कविता

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