Nojoto: Largest Storytelling Platform

तेरे मन से मेरे मन तक एक राह आती है सीधी सी मैं

तेरे मन से मेरे मन तक 
एक राह आती है सीधी सी 
मैं उस पर कभी चला नहीं 
और 
करते हुए खोज खुद की 
भटक गया कहीं 

जो तेरे मन के रास्ते चलता 
तो अपने मन की 
मंज़िल पा लेता
पर
पुरुष नहीं बन पाया
इसीलिए स्त्री मन
समझ ना आया

©Prashant Shakun "कातिब"
  #खुद_की_खोज #पुरुष #पुरुषार्थ #स्त्रीत्व #प्रशांत_शकुन_कातिब