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Best स्त्रीत्व Shayari, Status, Quotes, Stories

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शब्दवेडा किशोर

White #स्त्री....
शब्दवेडा किशोर
अवघाची संसार सुखाचा करीन
आनंदे भरीन तिन्ही लोके
हे फक्त म्हणायला सोपं असतं....
पण एक स्त्री किती वेळा कशा
नाना कळा सोसते
अन् आयुष्य कसं हसत जगते
हे फक्त तिचं तिलाच कळतं......

©शब्दवेडा किशोर #स्त्रीत्व

poonam atrey

#स्त्रीत्व Sita Prasad शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन ) kumar samir प्रज्ञा पथिक.. Ambika Mallik हिमांशु Kulshreshtha Poonam Suyal Deepiitd Ashutosh Mishra R K Mishra " सूर्य " Sethi Ji Badal Singh Kalamgar hardik Mahajan Anupriya Saloni Khanna Bhavana kmishra Suresh Gulia वंदना .... भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन Sunita Pathania Banarasi.. #kukku2004 PRIYANK SHRIVASTAVA 'अरमान' Lalit Saxena Shilpi Singh shashi kala mahto Praveen Jain "पल्लव" narendra bhakuni अदनासा- Apoorva Kaushik Babli BhatiBais

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Ankit Srivastava

तुम जब उस घर की चौखट लांघोगी, तो मात्र चौखट ही नहीं, बल्कि तुम लांघ दोगी सारी बाधाएं, तोड़ दोगी सारे बंधन और परम्पराएं , जो तुम्हें कमजोर कहती हैं, तुम्हारे स्त्रीत्व को

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तुम जब उस घर की
चौखट लांघोगी,
तो मात्र चौखट ही नहीं,
बल्कि तुम लांघ दोगी सारी बाधाएं,
तोड़ दोगी सारे बंधन 
और परम्पराएं ,
जो तुम्हें कमजोर कहती हैं,
तुम्हारे स्त्रीत्व को 
चुनौती देती हैं!
(Read in caption) तुम जब उस घर की
चौखट लांघोगी,
तो मात्र चौखट ही नहीं,
बल्कि तुम लांघ दोगी सारी बाधाएं,
तोड़ दोगी सारे बंधन 
और परम्पराएं ,
जो तुम्हें कमजोर कहती हैं,
तुम्हारे स्त्रीत्व को

Mamta Singh

सुप्रभात☕☕☕☕☕☕☕ आप सब काे महा शिवरात्रि की बहुत शुभकामना🙏🙏🙏🙏🙏🙏 शिवरात्रि प्रतीक है स्त्री के पवित्र और सर्मपित प्रेम का। एक स्त्री जब किसी पुरूष से प्रेम करती है ताे सिर्फ उसकी खुबियाें से नहीं उसकी खामियाें से भी प्रेम करती है। उसके पारिवारिक रिश्ताें से नहीं उसके जानवर और भुत प्रेताें से भी प्रेम करती है। और हाँ सरकार व्रत मैनें भी रखा है छुपा कर नहीं डंके की चाेट पर........ सखियां #सरकार #महाशिवरात्रि #स्त्रीत्व #गाैरा #yqbaba #yqdidi #yqdada

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आज सरकार हाैले से मुस्कुराये🤪
फिर मेरे कान में धीरे से फुसफुसाये
बाेले-माना मैं मन का माैला हूँ🤷‍♂
पर तु हीं ताे मेरी गाैरा है🐅
ये गंगा और चाँद भी ताे तेरी ही सखियां है
ताे इन्नी सी बात पर क्याे भींगीं तेरी अँखियां है
तुझे अपने रब से मांगा है मैने 
एक जन्म नहीं सात जन्माें का साथ पाया है मैंने.... सुप्रभात☕☕☕☕☕☕☕
आप सब काे महा शिवरात्रि की बहुत शुभकामना🙏🙏🙏🙏🙏🙏
शिवरात्रि प्रतीक है स्त्री के पवित्र और सर्मपित प्रेम का।
एक स्त्री जब किसी पुरूष से प्रेम करती है ताे   सिर्फ उसकी खुबियाें से नहीं उसकी खामियाें से भी प्रेम करती है।
उसके पारिवारिक रिश्ताें से नहीं उसके जानवर और भुत प्रेताें से भी प्रेम करती है।
और हाँ सरकार व्रत मैनें भी रखा है छुपा कर नहीं डंके की चाेट पर........
सखियां #सरकार #महाशिवरात्रि #स्त्रीत्व #गाैरा #yqbaba #yqdidi #yqdada

Richa Mishra

प्रलय के पश्चात 
जब हुआ निर्माण 
सृष्टि का ____
तब ईश्वर ने 
सक्षम बनाया 
स्त्री को ____
उसमें भरी नैतिकता ;
और प्रदान किया
समस्याओं से 
निपटाने की 
सहनशीलता !

ईश्वर ने रचा 
पुरुष और स्त्री को 
समान रूप से ;
पूर्ण रूप से 
बनाया सहनशील 
स्त्री को 
ताकि कभी भी
उदय हो पितृसत्ता का
स्त्री उसे सहन कर सकें !!


— % & #स्त्रीअस्तित्व 
#स्त्रीत्व 
#स्त्री_सम्मान 
#स्त्रीजन्म

Richa Mishra

प्रलय के पश्चात 
जब हुआ निर्माण 
सृष्टि का ____
तब ईश्वर ने 
सक्षम बनाया 
स्त्री को ____
उसमें भरी नैतिकता ;
और प्रदान किया
समस्याओं से 
निपटाने की 
सहनशीलता !

ईश्वर ने रचा 
पुरुष और स्त्री को 
समान रूप से ;
पूर्ण रूप से 
बनाया सहनशील 
स्त्री को 
ताकि कभी भी
उदय हो पितृसत्ता का
स्त्री उसे सहन कर सकें !!


— % & #स्त्रीअस्तित्व 
#स्त्रीत्व 
#स्त्री_सम्मान 
#स्त्रीजन्म

Varsha Sharma

समझ नहीं आ रहा की आज शुरु कहां से करूं लिखना... विचारों ने आज दिमाग पर इतना घर कर लिया की ये मुझे इस बढ़ती रात के हर पल में परेशानी के सिवाय कुछ और नहीं दे रहे.... प्रेम... आख़िर क्या होता है एक पुरुष के लिए...? आख़िर पुरुष कैसे करता है प्रेम...? अकसर देखा है... तीन शब्द I love you.... इन्हें बोलने के चार दिन बाद ही people start taking & asking about the sex....! But why...? अब मैं पूछना चाहूंगी की क्या यहां ये प्रेम ने चाहा होगा...? जी नहीं... प्रेम तो रूह का होता है न... और sex ज़रूरत है तुम्

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स्त्रियों को छूने से पहले, तुम छुओ उनका मन....!

(Today i want everyone to read it & please also share your thoughts) समझ नहीं आ रहा की आज शुरु कहां से करूं लिखना... विचारों ने आज दिमाग पर इतना घर कर लिया की ये मुझे इस बढ़ती रात के हर पल में परेशानी के सिवाय कुछ और नहीं दे रहे....

प्रेम... आख़िर क्या होता है एक पुरुष के लिए...? आख़िर पुरुष कैसे करता है प्रेम...?
अकसर देखा है... तीन शब्द I love you.... इन्हें बोलने के चार दिन बाद ही people start taking & asking about the sex....! But why...? अब मैं पूछना चाहूंगी की क्या यहां ये प्रेम ने चाहा होगा...? जी नहीं... प्रेम तो रूह का होता है न... और sex ज़रूरत है तुम्

NEERAJ SIINGH

पंक्ति अधूरी है.... यात्रा लम्बी है..... दुनिया !! तुम्हें स्त्रीत्व की महक से भरने में अभी वक्त लगेगा !! 🙏🙏🙏

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स्त्रीत्व को
समझने के लिए
देव या बुद्ध बनना
पड़ता हैं समाज
को भी राम राज
बनना पड़ता हैं पंक्ति अधूरी है....
यात्रा लम्बी है.....
दुनिया !! तुम्हें
स्त्रीत्व की महक से
भरने में अभी वक्त
लगेगा !!
🙏🙏🙏

Shankar Kamble

*पंख छाटले माझे जरीही*
*उमेद काही हरली नाही*
*नकोत कुबड्या सहानुभूतीच्या*
*खंबीर उभी कोसळले नाही...*

*भार पेलले किती सोसले*
*उर फुटला परी ना कण्हले*
*श्वास भरुनी जगू दे आता*
*कोठडीत त्या मजसी कोंडले..*.

*विस्तीर्ण मोकळे निळे जांभळे*
*खुणावते आकाश वेगळे*
*पायवाट ती नकोच उसनी*
*मार्ग स्वतःचा मला आकळे...*

*घाव घालून मीच तोडले*
*पाश बेगडी सर्व सोडले*
*स्वाभिमान ना गहाण आता*
*लाचारीचे वस्त्र फेडले...*

*आक्रोशाचे गीत युगांचे*
*कधी तुझ्या कधी माझ्या ओठी*
*गाणारे जरी कंठ बदलले*
*मूळ वेदना एकची पोटी...*

©Shankar Kamble #स्त्री #स्त्रीत्व #स्त्रीजीवन #बाई #बाईच्या_जातीने #घुसमट #बाईपणाच्या 

#betrayal

Shankar Kamble

*बाईपण रांधताना*
*आयुष्याची होरपळ*
*मुक्या वेदनेचं गीत*
*उरी जपलेली कळ...*

*चौकटीचा उंबरा*
*येतां- जातांना ठोकर*
*किती झिजलं तरीही*
*कशी भरंना कसर?...*

*वात पेटता कंदील*
*घरं उजळून जाई*
*काच सोसते चटके*
*साऱ्यां दिव्याची नवलाई...*

*जात्यामधल्या पाळीत*
*आहे रोजचं दळण*
*उखळांत  भेगाळल्या*
*भावमोत्यांचं कांडण...*

*घुसळणं अंतरीची*
*डोळां आसवं मंथन*
*धागां विणते गोधडी*
*सुख दुःखांचं सांधण...*

*नंदादीप देवघरी*
*जसा मंद तेवतसे*
*तीळ तीळ जळतांना*
*तरी ओठी हसू असे...*

©Shankar Kamble #बाई #स्त्रीजीवन #स्त्री #नारी #स्त्रीअस्तित्व #बाई #होरपळ #स्त्रीत्व 

#thought
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