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तुम्हारी अंगड़ाई में जो बदन चटकता है हां इसी पे

तुम्हारी अंगड़ाई में जो बदन चटकता है
   हां इसी पे तो रोज मेरा दिल अटकता है

©Prakash kumar Saroj तुम्हारी अंगड़ाई में जो बदन चटकता है
   हां इसी पे तो रोज मेरा दिल अटकता है
तुम्हारी अंगड़ाई में जो बदन चटकता है
   हां इसी पे तो रोज मेरा दिल अटकता है

©Prakash kumar Saroj तुम्हारी अंगड़ाई में जो बदन चटकता है
   हां इसी पे तो रोज मेरा दिल अटकता है

तुम्हारी अंगड़ाई में जो बदन चटकता है हां इसी पे तो रोज मेरा दिल अटकता है #शायरी