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गीत दिल के सूने इस मन्दिर में प्रेम का दीप जला

गीत
 
 दिल के सूने इस मन्दिर में
 प्रेम का दीप जला जा ना,
 एक पथिक को राह दिखाने
 इक बार तू कान्हा आ जा ना।
 
 	मैंने सुनी है तेरी बातें
 निर्मोही-सा मित्र है तू,
 सब का होकर;सब का नहीं है
 इसीलिए तो पवित्र है तू।
 अपनी बातें सिखलाने को; जग में ख़ुद को दिखलाने को!
 नव-ज्ञान की गङ्ग बहा जा ना।
 इक बार तू  3 Dash
 
 कलयुग के पल-पल का प्रतिपल
 तेरी जिम्मेदारी है,
 हर युग में आऊंगा कहा था
 यह क्यों तुझ पर भारी है।
 मात-पिता को मुक्ति दिलाने; बहनों के फिर चीर बढ़ाने
 हर ओर तू आकर छा जा ना।
 इक बार तू  3 Dash
 
 	भक्त भी तू है; भक्ति भी तू है
 मोह-विमोह का साधन तू,
 तू है मूरत; तू है अमूरत
 हर दिल का अभिवादन तू।
 व्यथित हृदय का दर्द मिटाने; धर्म की फिर-से लाज बचाने!
 फिर मैदान सजा जा ना।
 इक बार तू  3 Dash
 
 यहाँ नहीं कोई शांति-दूत अब
 तुझको ही आना होगा,
 विदुर सहित अब सारे चुप हैं
 आकर समझाना होगा।
 सब की चेतनता को जगाने; धर्म-दीप की अलख जगाने!
 तू अपना चक्र घुमा जा ना।
 इक बार तू  3 Dash
 
 युद्ध नहीं करना बेशक़ तू
 "कहर" को बस साधे रहना,
 मन ये अगर भटके रण से तो
 अपने संग बांधे रहना।
 गीता का नव-पाठ सिखाने; फिर-से अपना रूप दिखाने!
 इक अर्जुन पुनः बना जा ना।
 इक बार तू  3 Dash
 कवि रवि कहर

©ravi kahar
  #गीत #भजन_ #इक बार तू कान्हा आ जा ना
ravikahar8425

ravi kahar

New Creator

#गीत #भजन_ #इक बार तू कान्हा आ जा ना #कविता

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