Nojoto: Largest Storytelling Platform

शायद कतरा कतरा में बहती हैं उसके मन की भावनाएँ तभी

शायद कतरा कतरा में बहती हैं
उसके मन की भावनाएँ
तभी तो कभी मेरे किनारे रुकती नहीं
और जहाँ रुकती हैं वहाँ मैं नहीं होती
पता नहीं कोई ठिकाना भी हैं या नहीं
या आज भी तलाश हैं उसे किसी ख़ास की
जहाँ उसके मन को सुकून मिल जाएँ

©Sonu Goyal
  #Darbar_E_Dil 
#Apocalypse