ज़ख़्म इस दिल के, दिखाऊँ कैसे तुम्हे इश्क़ है बेशुमार मुझे जताऊँ कैसे तुम्हे छोड़ गया तू तन्हा, कैसे भुलाऊँ तुम्हे विरह में जल रहा, याद कैसे आऊँ तुम्हे अपना 'दिल' "चीर" कर दिखाऊँ तुम्हे या "फ़साना" 'इश्क़' का सुनाऊँ तुम्हे दर्द बेशुमार, इसकी आहट सुनाऊँ तुम्हे सिसकती आँखें नमी कैसे दिखाऊँ तुम्हे विरह-गीत उमड़ते है, कैसे सुनाऊँ तुम्हे इश्क़ है बेशुमार मुझे कैसे जताऊँ तुम्हे दिल का फ़साना #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #दिलकाफ़साना #kksc21 #अल्फाज_ए_कृष्णा