#Pehlealfaaz खून का कोई क़तरा तुमसे मज़हब तो नहीं पूँछता! फिर तुमने मज़हब का खून करना सीखा कहाँ से? सुना है, मज़हब ख़ुदा से इजाज़त देता है हिफाज़त की! फिर इंसानियत की चौखट पर मज़हब को तुमने द्रौपदी बनाना सीखा कहाँ से? मज़हब सभी सरीखे होते हैं, करतल ध्वनि और कदमताल जैसे! फिर एक दूसरे को अपशब्द बोल, अपाहिज बनाना सीखा कहाँ से? मज़हब तो सारे ही तालीम देते हैं,भाईचारे की, पैग़ाम मोहब्बत का, फिर सरे आम मोहब्बत पर हमला, अरे! तुमने जिहाद करना सीखा कहाँ से? ख़ौफ वाक़ई होता है शराफ़त का इज्ज़त के नाम से, फिर तुमने नाम के खौफ पर मोहल्ले को बूचड़ बनाना सीखा कहाँ से? #nojoto #religion #poem #love #unity #seculars