तकलीफ़ें सहकर जो कभी न शिक़ायत करते हैं, हालात जैसे भी हों पर कभी न ख़ुद को झुकने देते हैं। कुछ कर गुज़रने की ग़र चाह और साथ हो उनके, तो वो सब भी इक नयी इबारत लिख सकते हैं।। #Hope #lockdown2 #task10.2 #दिव्यांग #१६अप्रैल२०२०