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दीपेश

अभी कोरोना लौट रहा है
लेकिन कहाँ गया ही था
लोकडाउन में मारे थे जितने
खुलने पर कौन मरा ही था
झेल रहे हैं रोग सयाने
ये तो अभी नया ही था
बंद पड़े थे वैद घराने
मिली दवा ना मारे फलाने
अब तक जूझ रहे ले खासी
मर गए भले दमा ही था
सामाजिक दूर कहते है
भौतिक कभी कहा ना था
चलो चैन तोड़े समाज की
अब तक कहाँ जुड़ा ही था
अभी कोरोना लौट रहा है
लेकिन कहाँ गया ही था

©दीपेश #Lockdown2 

#bharatband

जीत की नादान कलम से...

शीर्षक - पर...

अभिषिक्त नयन पर
न कोई शिकन चेहरे पर
अप्रेख्य हूँ मैं जो
जन्मा हूँ वसुंधरा पर
ख़्वाहिशें दिल पर
जज़्ब है नक़्श पर
लाचार हूँ मैं पर
हारा नहीं ज़िंदगी की राह पर।
©जीत #chai #nojoto #दिव्यांगकविता #प्रयागराज #Poetry #Lockdown2 #Arushi #task10.22 #27April2020 #प्रयागराज

जीत की नादान कलम से...

शीर्षक - बैसाखी
आ गयी सुता! ओजस्वी! स्व-गेह
माँ ने प्यार दिया। कहा :
कृतकृत्य हुई मैं बेटी! पधारी तुम!
भरोसा है अब मुझको
साध आज मेरे जीवन की पूरी होगी!

लघु संकेत समझ ईश्वर का
माँ दौड़ी। लायी बैसाखी,
तनया के आगे रख उसको, हट गई।
सभी की डबडबायी आँखें
एक बार बैसाखी को लख, टिक गईं
सुता के चेहरे पर। #river #Nojoto  #lockdown2 #task10.13 #दिव्यांगकविता Arushi #२०अप्रैल२०२० #प्रयागराज

Joy prakash

#lovebeat #Lockdown2.0 What should be right for you?

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जीत की नादान कलम से...

शीर्षक - परवाज़

सड़कों पर निकलते ही
मैंने ख़ुदा की ताबीर देखी है
ख़्वाहिशें हम जैसी पर 
उसे समाज से जूझते देखा है
हर वक़्त
अपने हालात से
समाज के तानों से
मैंने उसे पल-पल कोसते देखा है
सपने हम जैसे ही पर
उसे पूरा करने की ज़िद करते देखा है
हर शहर
हर गाँव की
वादियों और पगडंडियों से
मैंने उसे चलते देखा है
परवाज़ हम जैसे ही पर
उसे उड़ान में हँसते देखा है। #Wish  #Nojoto  #lockdown2 #task10.10 #दिव्यांगकविता Arushi #१९अप्रैल२०२० #प्रयागराज

जीत की नादान कलम से...

शीर्षक - अंगारे

अंगारे नहीं वो भी फूल हैं,
तिमिर नहीं वो भी प्रकाश हैं।
मद में चूर न हो माटी के पुतले,
विकलांग नहीं वो भी आकाश हैं।।

बेनूर नहीं वो भी नूर हैं,
सूर नहीं वो भी कोहिनूर हैं।
नज़र-ए-उल्फ़त तो ज़रा बिखेरो,
ख़ार नहीं वो भी बेख़ार हैं।।
©जीत #footsteps #nojoto #yourquote #lockdown2 #task10.8 #दिव्यांगकविता Arushi #१८अप्रैल२०२० #प्रयागराज

Lipsita Palei

जीत की नादान कलम से...

झूठी तारीफ़ से सच का एक प्याला विष भी अमृत के समान होता है। #Light #nojoto #lockdown2 #task10.4 #twoliner #17April2020 #writeups

जीत की नादान कलम से...

ravi

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