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#OpenPoetry न जाने क्यों कभी कभी यूँ ही बहक सी जात

#OpenPoetry न जाने क्यों कभी कभी यूँ ही बहक सी जाती हूं मैं,
तेरी आस पास बिखरी खुशबू से महक सी जाती हूँ मैं।
जब कोई कहता है, मुझसे तुम बहुत अच्छी लगती हो,
न जाने क्यों खुद को तुम्हारे और करीब सी पाती हूँ मैं। 

©सखी😍 #मैं #मुहब्बत #करीब #महक #बहक
#OpenPoetry न जाने क्यों कभी कभी यूँ ही बहक सी जाती हूं मैं,
तेरी आस पास बिखरी खुशबू से महक सी जाती हूँ मैं।
जब कोई कहता है, मुझसे तुम बहुत अच्छी लगती हो,
न जाने क्यों खुद को तुम्हारे और करीब सी पाती हूँ मैं। 

©सखी😍 #मैं #मुहब्बत #करीब #महक #बहक