वज़्म़ में आना उधर तो आज हमदम तय करेगा । बाद उसके दिल हमारा साज सरगम तय करेगा ।।१ मैं जिऊँगा या मरूँगा आज मौसम तय करेगा । है उसी के हाथ जीवन देख पुरनम तय करेगा ।।२ आस मुझको है अभी बाजारुँ रिश्तों से सभी । खोल कर मैं जख्म़ बैठा बात मरहम तय करेगा ।।३ चुप नहीं मैं भी रहा दस्तूर उनका देखकर यह । जीत की ले लो बधाई बाद परचम तय करेगा ।।४ रात भर रोता रहा हूँ याद में उसकी तड़प कर । भोर कितनी साँस बाकी यार का गम तय करेगा ।।५ मैं जमीं तू आसमाँ है कह रहा सबसे यहाँ वह । कौन किसके बिन जिया है आज शबनम तय करेगा ।।६ झूठ क्या है आज ये तो फैसला होकर रहेगा । चाँद किसका है जुदा आज मातम तय करेगा ।।७ १७/०४/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR वज़्म़ में आना उधर तो आज हमदम तय करेगा । बाद उसके दिल हमारा साज सरगम तय करेगा ।।१ मैं जिऊँगा या मरूँगा आज मौसम तय करेगा । है उसी के हाथ जीवन देख पुरनम तय करेगा ।।२ आस मुझको है अभी बाजारुँ रिश्तों से सभी ।