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"बचपन" के सहपाठियों में प्रेम पल्लवित होने लगा, कभ

"बचपन" के सहपाठियों में प्रेम पल्लवित होने लगा,
कभी रखते ख़्याल,कभी छुप-छुप कर प्यार होने लगा।

इज़हार हुआ इश्क़ का, बातें रातों तक होने लगी,
लड़का हुआ थोड़ा बावरा,लड़की होश खोने लगी। 

नए ज़माने में,"कागज़" के ख़त भी लिखने लगे,
दूर हुए कुछ तो यादों के,दरिया भी बहने लगे।

घरवालों की रज़ामंदी से,ब्याह की शहनाई बजी,
प्यार की "नदी" में अरमानों की "कश्ती" सजी।

"दुनिया" एक दूजे की हुए,नवजीवन में बहार आने लगी,
सजने लगे नए सपने,नवांगतुक की किलकारियाँ गूंजने लगी। कोरा कागज की प्रतियोगिता हम लिखते रहेंगे के लिए टीम काव्यांजलि के चौथे दिन के शब्द

"बचपन" के सहपाठियों में प्रेम पल्लवित होने लगा,
कभी रखते ख़्याल,कभी छुप-छुप कर प्यार होने लगा।

इज़हार हुआ इश्क़ का, बातें रातों तक होने लगी,
लड़का हुआ थोड़ा बावरा,लड़की होश खोने लगी।
"बचपन" के सहपाठियों में प्रेम पल्लवित होने लगा,
कभी रखते ख़्याल,कभी छुप-छुप कर प्यार होने लगा।

इज़हार हुआ इश्क़ का, बातें रातों तक होने लगी,
लड़का हुआ थोड़ा बावरा,लड़की होश खोने लगी। 

नए ज़माने में,"कागज़" के ख़त भी लिखने लगे,
दूर हुए कुछ तो यादों के,दरिया भी बहने लगे।

घरवालों की रज़ामंदी से,ब्याह की शहनाई बजी,
प्यार की "नदी" में अरमानों की "कश्ती" सजी।

"दुनिया" एक दूजे की हुए,नवजीवन में बहार आने लगी,
सजने लगे नए सपने,नवांगतुक की किलकारियाँ गूंजने लगी। कोरा कागज की प्रतियोगिता हम लिखते रहेंगे के लिए टीम काव्यांजलि के चौथे दिन के शब्द

"बचपन" के सहपाठियों में प्रेम पल्लवित होने लगा,
कभी रखते ख़्याल,कभी छुप-छुप कर प्यार होने लगा।

इज़हार हुआ इश्क़ का, बातें रातों तक होने लगी,
लड़का हुआ थोड़ा बावरा,लड़की होश खोने लगी।

कोरा कागज की प्रतियोगिता हम लिखते रहेंगे के लिए टीम काव्यांजलि के चौथे दिन के शब्द "बचपन" के सहपाठियों में प्रेम पल्लवित होने लगा, कभी रखते ख़्याल,कभी छुप-छुप कर प्यार होने लगा। इज़हार हुआ इश्क़ का, बातें रातों तक होने लगी, लड़का हुआ थोड़ा बावरा,लड़की होश खोने लगी। #YourQuoteAndMine #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #हमलिखतेरहेंगे #टीम_काव्यांजलि