आज चिड़ियां करतीं कलरव, झरने झर-झर बह रहे शोर वाले आदमी सब, देखो घर में रह रहे टिक-टिकाती सारी घड़ियां, कह रही हैं ये हमारी हमको बस तुम देखते थे, सुनते ना थे तुम हमारी देखते और बस बजाते, घण्टियां केवल हमारी आज देखो बज रही है, सिर्फ और केवल तुम्हारी बाद बरसों सोई सड़कें, कर रहीं आराम सी पड़ गयी हों जैसे मानो, सुस्त बनकर आलसी सुन्न बैठे हैं सभी, चाक-चौबारे ये ऐसे देखते हैं हर दिशा में, कोई तो आये कहीं से आदमी जो बन्द है, कुछ मन्द है और सुस्त है कह रहा है, बस खुदी से कुदरती इंसाफ का ये फैसला दूरुस्त है । #NaveenMahajan janta curfew ke anubhav #NaveenMahajan #TumBinIshqNahi