Nojoto: Largest Storytelling Platform

तिरी याद दिल से मिटाने चला हूँ नयी एक दुनिय

तिरी   याद  दिल से  मिटाने चला हूँ
नयी  एक   दुनिया  बसाने  चला  हूँ

किये थे  जो वादे कभी हम ने तुम से
जला कर  तेरे  खत  निभाने चला हूँ

फंसी  है  तूफानों में  किस्ती जो मेरी 
किनारे   उसे  अब  लगाने   चला  हूँ

अँधेरे    हमें   रास  आते   नहीं  अब
चिरागे   मुहब्बत   जलाने   चला   हूँ

तिरे प्यार को अलविदा कहके हमदम
लगी  अपने  दिल की  बुझाने चला हूँ

बसी  है  तुम्हारी  जो  तस्वीर  दिल  में
उसे   दिल  से   अपने  हटाने चला  हूँ

कभी खो दिया था जिसे खुद ही हमने
उसी  अक्स  को फिर से  पाने चला हूँ
      ( लक्ष्मण दावानी ✍ )

©laxman dawani
  #Dark #love#poetry#gazal#romance#life#knowledge#thoughts
laxmandawani7800

laxman dawani

Bronze Star
New Creator
streak icon29

#Dark lovepoetry#gazal#romancelifeknowledgethoughts

307 Views