मुझे देखकर जो अंगड़ाई ले, ऐसी शबाब है तू, मेरे लिए गुल-ए-गुलाब और एक महताब है तू। ख़ार और ज्योत्सना ने तुम्हें महफूज़ रखा है, जो देखे तुझे नज़र झुका ले, ऐसा आफताब है तू। #Contest 8(Hindi) 💌प्रिय लेखक एवं लेखिकाओं, कृपया अपने अद्भुत विचारों को कलमबद्ध कर अपनी लेखनी से चार चांँद लगा दें। 🎀 उपर्युक्त विषय को अपनी रचना में अवश्य सम्मिलित करें 🎀 चार पंक्तियों में अपनी रचना लिखें,