ज़िन्दगी में बस एक ही इच्छा, कैसे उसे सुनाऊँ, जन्म जन्म तेरे संग रहूँ कान्हा, मैं बंसी कहलाऊँ। जब तू तान छेड़े प्रीति के, तेरे होठों से लग जाऊँ, तेरे दिल की दास्तां बनकर, राधा को खूब रिझाऊँ। जब मुरली होंठों से लगाये, तुझे सुंदर तान सुनाऊँ, तेरे संग रासलीला करने को, मैं गोपियाँ बन जाऊँ। जब तू नाचे ताता थैया, कालिया बन फन फैलाऊँ, तेरे चरण रज पाकर मैं, इस दुनिया से तर जाऊँ। ➡ प्रतियोगिता संख्या - 07 ➡ शीर्षक - तेरे संग ➡ सुन्दर शब्दों से आठ पंक्तियों मे रचना लिखें ➡ समय सीमा- आज रात 12 बजे तक।