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कोरा काग़ज़ Premium Challange-20 विषय 2 :- अकेलेपन क

कोरा काग़ज़ Premium Challange-20
विषय 2 :- अकेलेपन की आवाज़ (चिंतन)

तुमसे बिछड़े हुए जैसे सदियाँ गुजर गई।
जाने कौन सी बात आज भी हमें बुलाती है।

तुमसे मिलने की बड़ी दिली तमन्ना है हमारी।
पर ये अकेलेपन की आवाज़ हमें रुलाती है।

किस तरह दूर हुए थे हम, ये तुम भी जानती हो।
रह रह कर ये दिल की टीस, हमको सताती है।

मेरे दिल की धड़कनों में आज भी तुम बसी हो।
मानो जैसे ये तुम्हारी याद में एक गीत गाती हैं। कोरा काग़ज़ Premium Challange-20
विषय 2 :- अकेलेपन की आवाज़ (चिंतन)

तुमसे बिछड़े हुए जैसे सदियाँ गुजर गई।
जाने कौन सी बात आज भी हमें बुलाती है।

तुमसे मिलने की बड़ी दिली तमन्ना है हमारी।
पर ये अकेलेपन की आवाज़ हमें रुलाती है।
कोरा काग़ज़ Premium Challange-20
विषय 2 :- अकेलेपन की आवाज़ (चिंतन)

तुमसे बिछड़े हुए जैसे सदियाँ गुजर गई।
जाने कौन सी बात आज भी हमें बुलाती है।

तुमसे मिलने की बड़ी दिली तमन्ना है हमारी।
पर ये अकेलेपन की आवाज़ हमें रुलाती है।

किस तरह दूर हुए थे हम, ये तुम भी जानती हो।
रह रह कर ये दिल की टीस, हमको सताती है।

मेरे दिल की धड़कनों में आज भी तुम बसी हो।
मानो जैसे ये तुम्हारी याद में एक गीत गाती हैं। कोरा काग़ज़ Premium Challange-20
विषय 2 :- अकेलेपन की आवाज़ (चिंतन)

तुमसे बिछड़े हुए जैसे सदियाँ गुजर गई।
जाने कौन सी बात आज भी हमें बुलाती है।

तुमसे मिलने की बड़ी दिली तमन्ना है हमारी।
पर ये अकेलेपन की आवाज़ हमें रुलाती है।

कोरा काग़ज़ Premium Challange-20 विषय 2 :- अकेलेपन की आवाज़ (चिंतन) तुमसे बिछड़े हुए जैसे सदियाँ गुजर गई। जाने कौन सी बात आज भी हमें बुलाती है। तुमसे मिलने की बड़ी दिली तमन्ना है हमारी। पर ये अकेलेपन की आवाज़ हमें रुलाती है। #कोराकाग़ज़ #मेरीख्वाहिश #collabwithकोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #kkpc20 #अल्फ़ाज़_ए_साहिल #अकेलेपनकीआवाज़