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फूलों के इस भंवर से, मैं भी गुजरना चाह

फूलों   के   इस   भंवर   से,
मैं  भी  गुजरना   चाहता  हूं।
हम   सफर   कौन   बनेगा ,
मैं    पुछना    चाहता    हूं।।

अरसों    से    इंतजार   था ,
मुझे     इस      घड़ी     का।
मुश्किल  भरे  इम्तिहान   को,
मैं    भूल    जाना   चाहता।।
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प्रमोद मालाकार ...17.11.23

©pramod malakar
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