कमाई नहीं है बदल सब गया है, मगर ये दरीचा कहाँ कब गया है, जिसे देखता ही रहा ज़िंदग़ी भर, वही चांद देखो बदल अब गया है, अगर ढूंढ लो तो बताना मुझे भी, पता तो चले कि कहाँ रब गया है। #अक्षय व्यास# #InternationalTeaDay