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Alone ये गगन ये धरती, हर फिज़ा को कबुल है ।

Alone   ये गगन  ये  धरती, हर  फिज़ा को  कबुल है ।
हर कण हर ज़र्रा का, अपना एक असुल है ।।
वक़्त  ही ताबीज़ है,  हर मुश्किल  बला का ।
काँटों के ऊपर ही, खिलता खूबसूरत फ़ूल है ।।

©poetdiary07 ये गगन  ये  धरती, हर  फिज़ा को  कबुल है ।
हर कण हर ज़र्रा का, अपना एक असुल है ।।
वक़्त  ही ताबीज़ है,  हर मुश्किल  बला का ।
काँटों  के  ऊपर ही,  खिलता  खूबसूरत फूल है ।l

#KumarVishwas #राहतइंदौरी #poem #shayri 
#alone  Geeta Modi Ankit mishra MALLIKA Mohit Singh Bisht   Shristi Yadav kavi vikash
Alone   ये गगन  ये  धरती, हर  फिज़ा को  कबुल है ।
हर कण हर ज़र्रा का, अपना एक असुल है ।।
वक़्त  ही ताबीज़ है,  हर मुश्किल  बला का ।
काँटों के ऊपर ही, खिलता खूबसूरत फ़ूल है ।।

©poetdiary07 ये गगन  ये  धरती, हर  फिज़ा को  कबुल है ।
हर कण हर ज़र्रा का, अपना एक असुल है ।।
वक़्त  ही ताबीज़ है,  हर मुश्किल  बला का ।
काँटों  के  ऊपर ही,  खिलता  खूबसूरत फूल है ।l

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amitmishra9406

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ये गगन ये धरती, हर फिज़ा को कबुल है । हर कण हर ज़र्रा का, अपना एक असुल है ।। वक़्त ही ताबीज़ है, हर मुश्किल बला का । काँटों के ऊपर ही, खिलता खूबसूरत फूल है ।l #KumarVishwas #राहतइंदौरी #poem #shayri #alone Geeta Modi Ankit mishra MALLIKA Mohit Singh Bisht Shristi Yadav kavi vikash