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AbhiJaunpur
राहत इंदौरी जी की पंक्ति मुझे कहां फुरसत, मैं मौसम सुहाना देखूं! मैं आपकी याद से निकलू, तो जमाना देखूं!! ©AbhiJaunpur #thepredator #राहतइंदौरी #AbhiJaunpur
#thepredator #राहतइंदौरी #AbhiJaunpur
read moreaditi the writer
जा के कोई कह दे, शोलों से चिंगारी से फूल इस बार खिले हैं बड़ी तैयारी से बादशाहों से भी फेके हुए सिक्के ना लिए हमने खैरात भी मांगी है तो खुद्दारी से राहत साहब ©aditi jain #राहतइंदौरी Natkhat Krishna @it's_ficklymoonlight Chouhan Saab Rajat Bhardwaj m raj. g
#राहतइंदौरी Natkhat Krishna @it's_ficklymoonlight Chouhan Saab Rajat Bhardwaj m raj. g
read moreaditi the writer
सिर्फ इज़हार प्यार नहीं होता, इज़हार भी मोहब्बार की तालीम का हिस्सा है, रूह भी तड़पे यही हर किसी के साथ नहीं होता, कविश में रहना भी आशिक़ की ज़िन्दगी का हिस्सा है। राहत इंदौरी ©aditi jain #राहतइंदौरी AK Haryanvi Sadaa Baloch,,,,,,,!!! जादूगर
#राहतइंदौरी AK Haryanvi Sadaa Baloch,,,,,,,!!! जादूगर
read moreDr. Vishal Singh Vatslya
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ जा रहें हो छोड़ कर, ...चलें जाओ कभी हम मिलें फिर सफ़र में तुम बुलाओगे , हम भी कह देंगे गुस्सा है आपसे, बात करने का नहीं .... Dr.Vishal Singh बेहद ग़मगीन करने वाली ख़बर है कि हिंदुस्तान के लोकप्रिय शायर राहत इंदौरी साहब का आज दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। कोरोना से संक्रमित भी थे। उनका जन्म 1 जनवरी 1950 को इंदौर, मध्यप्रदेश में हुआ था। बचपन का नाम कामिल था, जो बाद में राहतुल्ला क़ुरैशी हुआ। और इसी राहतुल्ला से राहत इंदौरी के नाम से दुनियाभर में प्रसिद्धि हासिल की। उनकी शायरी में प्रेम, आक्रोश, व्यंग्य और दर्शन की व्यापकता थी। मंच पर उनके ग़ज़ल सुनाने का अंदाज़ तो एक दम ही निराला था। श्रोताओं को बांध के रख देते थे। ऐसे अज़ीम शायर क
बेहद ग़मगीन करने वाली ख़बर है कि हिंदुस्तान के लोकप्रिय शायर राहत इंदौरी साहब का आज दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। कोरोना से संक्रमित भी थे। उनका जन्म 1 जनवरी 1950 को इंदौर, मध्यप्रदेश में हुआ था। बचपन का नाम कामिल था, जो बाद में राहतुल्ला क़ुरैशी हुआ। और इसी राहतुल्ला से राहत इंदौरी के नाम से दुनियाभर में प्रसिद्धि हासिल की। उनकी शायरी में प्रेम, आक्रोश, व्यंग्य और दर्शन की व्यापकता थी। मंच पर उनके ग़ज़ल सुनाने का अंदाज़ तो एक दम ही निराला था। श्रोताओं को बांध के रख देते थे। ऐसे अज़ीम शायर क
read moreAbhishek Trehan
कुछ कहानियों की कोई मंज़िल नहीं होती कुछ किस्से कभी अधूरे हुआ नहीं करते हर रात के नसीब में पूरा चाँद नहीं होता कुछ सितारे कभी धूमिल हुआ नहीं करते... © abhishek trehan बेहद ग़मगीन करने वाली ख़बर है कि हिंदुस्तान के लोकप्रिय शायर राहत इंदौरी साहब का आज दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। कोरोना से संक्रमित भी थे। उनका जन्म 1 जनवरी 1950 को इंदौर, मध्यप्रदेश में हुआ था। बचपन का नाम कामिल था, जो बाद में राहतुल्ला क़ुरैशी हुआ। और इसी राहतुल्ला से राहत इंदौरी के नाम से दुनियाभर में प्रसिद्धि हासिल की। उनकी शायरी में प्रेम, आक्रोश, व्यंग्य और दर्शन की व्यापकता थी। मंच पर उनके ग़ज़ल सुनाने का अंदाज़ तो एक दम ही निराला था। श्रोताओं को बांध के रख देते थे। ऐसे अज़ीम शायर क
बेहद ग़मगीन करने वाली ख़बर है कि हिंदुस्तान के लोकप्रिय शायर राहत इंदौरी साहब का आज दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। कोरोना से संक्रमित भी थे। उनका जन्म 1 जनवरी 1950 को इंदौर, मध्यप्रदेश में हुआ था। बचपन का नाम कामिल था, जो बाद में राहतुल्ला क़ुरैशी हुआ। और इसी राहतुल्ला से राहत इंदौरी के नाम से दुनियाभर में प्रसिद्धि हासिल की। उनकी शायरी में प्रेम, आक्रोश, व्यंग्य और दर्शन की व्यापकता थी। मंच पर उनके ग़ज़ल सुनाने का अंदाज़ तो एक दम ही निराला था। श्रोताओं को बांध के रख देते थे। ऐसे अज़ीम शायर क
read moreLiyakat Ali
इस खला को भला कैसे पुरा करूंगा तेरी कमी तो हमेशा रहेगी अभी तो लिखना शुरू किया था मैंने अब ये कहानी अधूरी रहेगी बेहद ग़मगीन करने वाली ख़बर है कि हिंदुस्तान के लोकप्रिय शायर राहत इंदौरी साहब का आज दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। कोरोना से संक्रमित भी थे। उनका जन्म 1 जनवरी 1950 को इंदौर, मध्यप्रदेश में हुआ था। बचपन का नाम कामिल था, जो बाद में राहतुल्ला क़ुरैशी हुआ। और इसी राहतुल्ला से राहत इंदौरी के नाम से दुनियाभर में प्रसिद्धि हासिल की। उनकी शायरी में प्रेम, आक्रोश, व्यंग्य और दर्शन की व्यापकता थी। मंच पर उनके ग़ज़ल सुनाने का अंदाज़ तो एक दम ही निराला था। श्रोताओं को बांध के रख देते थे। ऐसे अज़ीम शायर क
बेहद ग़मगीन करने वाली ख़बर है कि हिंदुस्तान के लोकप्रिय शायर राहत इंदौरी साहब का आज दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। कोरोना से संक्रमित भी थे। उनका जन्म 1 जनवरी 1950 को इंदौर, मध्यप्रदेश में हुआ था। बचपन का नाम कामिल था, जो बाद में राहतुल्ला क़ुरैशी हुआ। और इसी राहतुल्ला से राहत इंदौरी के नाम से दुनियाभर में प्रसिद्धि हासिल की। उनकी शायरी में प्रेम, आक्रोश, व्यंग्य और दर्शन की व्यापकता थी। मंच पर उनके ग़ज़ल सुनाने का अंदाज़ तो एक दम ही निराला था। श्रोताओं को बांध के रख देते थे। ऐसे अज़ीम शायर क
read moreLiyakat Ali
जिस्म से जैसे रूह निकल गई गजल से जैसे शायरी निकल गई तुम क्या गये महफ़िल से राहत महफ़िल की जैसे जान निकल गई बेहद ग़मगीन करने वाली ख़बर है कि हिंदुस्तान के लोकप्रिय शायर राहत इंदौरी साहब का आज दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। कोरोना से संक्रमित भी थे। उनका जन्म 1 जनवरी 1950 को इंदौर, मध्यप्रदेश में हुआ था। बचपन का नाम कामिल था, जो बाद में राहतुल्ला क़ुरैशी हुआ। और इसी राहतुल्ला से राहत इंदौरी के नाम से दुनियाभर में प्रसिद्धि हासिल की। उनकी शायरी में प्रेम, आक्रोश, व्यंग्य और दर्शन की व्यापकता थी। मंच पर उनके ग़ज़ल सुनाने का अंदाज़ तो एक दम ही निराला था। श्रोताओं को बांध के रख देते थे। ऐसे अज़ीम शायर क
बेहद ग़मगीन करने वाली ख़बर है कि हिंदुस्तान के लोकप्रिय शायर राहत इंदौरी साहब का आज दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। कोरोना से संक्रमित भी थे। उनका जन्म 1 जनवरी 1950 को इंदौर, मध्यप्रदेश में हुआ था। बचपन का नाम कामिल था, जो बाद में राहतुल्ला क़ुरैशी हुआ। और इसी राहतुल्ला से राहत इंदौरी के नाम से दुनियाभर में प्रसिद्धि हासिल की। उनकी शायरी में प्रेम, आक्रोश, व्यंग्य और दर्शन की व्यापकता थी। मंच पर उनके ग़ज़ल सुनाने का अंदाज़ तो एक दम ही निराला था। श्रोताओं को बांध के रख देते थे। ऐसे अज़ीम शायर क
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