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मैं कहीं खो गया हूँ, कोई ढूँढ के ला दो मुझे, मैं ज

मैं कहीं खो गया हूँ,
कोई ढूँढ के ला दो मुझे,
मैं जब देखता हूँ आईना तो कोई और खड़ा नजर आता है,
 मैं मैं नहीं कोई जैसे मुझे डराता है, 
न दाढ़ी थी ना थी मूँछ मुझे,
वो चंचल, चपल, थोड़ा सरल, वो बाती सा दीपक मुझे ला दो,
मैं कहीं खो गया हूँ,
कोई मुझे ढूँढ के ला दो,
न थी भूक मुझे और न थी प्यास - 2,
सारा दिन खेल खेल और खेल की खुमारी,
नशा रहता था दिन और रात,
वो छोटा सा दिल जिसका कभी-कभी डरा हुआ,
वो छुपा हुआ कमजोर सा बालक मुझे ला दो,
मैं कहीं खो सा गया हूँ मुझे कोई ढूँढ के ला दो,
जब भी दोस्त मिलते थे मेरे हँसी की बारिश हो जाती थी,
न दोस्त ही हैं मेरे और न कोई बारिश,
हो सके तो ढूंढ उन्हें भी लाओ,
कुछ अंश
उनमें मेरा भी मिल जाए, 
हो सकता है कि मेरी कमी उन्हें भी अखरती होगी,
याद मुझे भी कर आँखों में चहरा उतर आता होगा,
उनकी आँखों में ही सही ढूंढ मुझे तुम ले आओ,
बचपन लगता अब बहुत छोटा होता है समझ इसे जब आती है दूर कहीं जा बैठा होता है, अगर ला सको तो ले आओ वापस बुलाकर लौट मुझे भी ले आना,
मैं कहीं खो सा गया हूँ मुझे कोई ढूँढ के ला दो....

©Deepak Chaurasia
  #CityWinter
#मैं कहीं खो गया हूँ, कोई ढूँढ के ला दो मुझे. मैं जब देखता हूँ आईना तो कोई और खड़ा नजर आता है, मैं मैं नहीं कोई जैसे मुझे डराता है. न दाढ़ी थी ना थी मूँछ मुझे, वो चंचल, चपल, थोड़ा सरल, वो बाती सा दीपक मुझे ला दो. मैं कहीं खो गया हूँ, कोई मुझे ढूँढ के ला दो, न थी भूक मुझे और न थी प्यास - 2, सारा दिन खेल खेल और खेल की खुमारी, नशा रहता था दिन और रात. वो छोटा सा दिल जिसका कभी-कभी डरा हुआ, वो छुपा हुआ कमजोर सा बालक मुझे ला दो, मैं कहीं खो सा गया हूँ मुझे कोई ढूँढ के ला दो. जब भी दोस्त मिलते थे मेरे हँसी की बारिश हो जाती थी न दोस्त ही हैं मेरे और न कोई बारिश, हो सके तो ढूंढ उन्हें भी लाओ, कुछ अंश
उनमें मेरा भी मिल जाए, हो सकता है कि मेरी कमी उन्हें भी अखरती होगी, याद मुझे भी कर आँखों में चहरा उतर आता होगा, उनकी आँखों में ही सही ढूंढ मुझे तुम ले आओ. बचपन लगता अब बहुत छोटा होता है समझ इसे जब आती है दूर कहीं जा बैठा होता है, अगर ला सको तो ले आओ वापस बुलाकर लौट मुझे भी ले आना, मैं कहीं खो सा गया हूँ मुझे कोई ढूँढ के ला दो.
#mycreation
#for my followers love you all....
deepakchaurasia7439

vishwadeepak

Bronze Star
New Creator

#CityWinter #मैं कहीं खो गया हूँ, कोई ढूँढ के ला दो मुझे. मैं जब देखता हूँ आईना तो कोई और खड़ा नजर आता है, मैं मैं नहीं कोई जैसे मुझे डराता है. न दाढ़ी थी ना थी मूँछ मुझे, वो चंचल, चपल, थोड़ा सरल, वो बाती सा दीपक मुझे ला दो. मैं कहीं खो गया हूँ, कोई मुझे ढूँढ के ला दो, न थी भूक मुझे और न थी प्यास - 2, सारा दिन खेल खेल और खेल की खुमारी, नशा रहता था दिन और रात. वो छोटा सा दिल जिसका कभी-कभी डरा हुआ, वो छुपा हुआ कमजोर सा बालक मुझे ला दो, मैं कहीं खो सा गया हूँ मुझे कोई ढूँढ के ला दो. जब भी दोस्त मिलते थे मेरे हँसी की बारिश हो जाती थी न दोस्त ही हैं मेरे और न कोई बारिश, हो सके तो ढूंढ उन्हें भी लाओ, कुछ अंश उनमें मेरा भी मिल जाए, हो सकता है कि मेरी कमी उन्हें भी अखरती होगी, याद मुझे भी कर आँखों में चहरा उतर आता होगा, उनकी आँखों में ही सही ढूंढ मुझे तुम ले आओ. बचपन लगता अब बहुत छोटा होता है समझ इसे जब आती है दूर कहीं जा बैठा होता है, अगर ला सको तो ले आओ वापस बुलाकर लौट मुझे भी ले आना, मैं कहीं खो सा गया हूँ मुझे कोई ढूँढ के ला दो. #mycreation #for my followers love you all.... #Life

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