ये कैसी होली हैं ये कैसी होली हैं जहाँ कोई भूख से तड़प रहा हैं , और कोई भरे हुए पेट को और भर रहा हैं | ये कैसी होली हैं जहाँ कोई कपड़ों के लिए तरस रहा हैं , और कोई नये कपड़ों को फाड़ रहा हैं | ये कैसी होली हैं जहाँ कोई पानी को तड़प रहा हैं , और कोई मदिरापान कर रहा हैं | ये कैसी होली हैं जिसमें कुछ लोग दूर रह कर भी दोस्ती निभा रहे हैं , और कुछ लोग पास रह कर भी दुश्मनी निकाल रहे हैं | ऐसे में कैसे होली मनाया जा सकता हैं , किसी के बच्चे को भूखा देखते हुए भी अपने बच्चों को कैसे खिलाया जा सकता हैं | क्योंकि होली तो हैं समानता का त्योहार जिसमें सारी दुश्मनी भुलाकर बांटा जाता हैं प्यार | अगर सब लोग साथ मिलकर हसेंगे गाएंगे खुशियां मनाएंगे तो ही होली का अर्थ सामने निकल कर आएगा , मैं भी उस दिन खुशी से होली मनाऊंगा जिस दिन पूरा भारत एक परिवार की तरह होली मनाएगा | ©Keshav Kamal #ये_कैसी_होली_हैं ये कैसी होली हैं जहाँ कोई भूख से तड़प रहा हैं , और कोई भरे हुए पेट को और भर रहा हैं | ये कैसी होली हैं जहाँ कोई कपड़ों के लिए तरस रहा हैं ,