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पुरूष का प्रेम प्रेम ही रहा स्त्री का प्रेम रिश्त

पुरूष का प्रेम प्रेम ही रहा 
स्त्री का प्रेम रिश्तो में ही दिखता 
कभी जो बंधनों से बाहर बरसता 
जाने क्यो लोगों को अखराता 
उठी अँगुलियाँ 
चरित्र भी उनका परखा गया 
क्यो तुम सही 
पर उनको गलत ही समझा गया 
आज साल है बदला 
बदल लो तुम भी अपना नजरिया 
कही जो वो करे संग तेरे ऐसा ही रवैया 
ना गुजरे तेरे दिन ना कटे तेरी रतिया।  bring this year new change in you. 
Happy new year
पुरूष का प्रेम प्रेम ही रहा 
स्त्री का प्रेम रिश्तो में ही दिखता 
कभी जो बंधनों से बाहर बरसता 
जाने क्यो लोगों को अखराता 
उठी अँगुलियाँ 
चरित्र भी उनका परखा गया 
क्यो तुम सही 
पर उनको गलत ही समझा गया 
आज साल है बदला 
बदल लो तुम भी अपना नजरिया 
कही जो वो करे संग तेरे ऐसा ही रवैया 
ना गुजरे तेरे दिन ना कटे तेरी रतिया।  bring this year new change in you. 
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