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तुम कहते हो कि देवता है तो अकेला क्यों दहकता है या

तुम कहते हो कि देवता है
तो अकेला क्यों दहकता है
या है अपराध निर्वासित ही
जो भीतर भीतर धधकता है
प्रश्न औचित्य पे वसुंधरा का
वो इतना भी क्यों सुलगता है देवता
तुम कहते हो कि देवता है
तो अकेला क्यों दहकता है
या है अपराध निर्वासित ही
जो भीतर भीतर धधकता है
प्रश्न औचित्य पे वसुंधरा का
वो इतना भी क्यों सुलगता है देवता