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शायरी कहीं खुशियों की महफिलें सजी है, तो कहीं गमों

शायरी
कहीं खुशियों की महफिलें सजी है,
तो कहीं गमों का फ़साना है,
जब सब चलें गए साथ छोड़ कर,
तो आंखों के आंसुओं को ही,
साथ निभाना है।
Meenakshi Sharma साथ निभाना
शायरी
कहीं खुशियों की महफिलें सजी है,
तो कहीं गमों का फ़साना है,
जब सब चलें गए साथ छोड़ कर,
तो आंखों के आंसुओं को ही,
साथ निभाना है।
Meenakshi Sharma साथ निभाना