#बावरा मन मंचला सा मन मेरा, बस कहे कहानियां।....1 ज़िन्दगी मेरी मैं कहूं, मेरी जुबानियां। आने लगा है मज़ा अब तो मुझे भी। फिक्र चुनौतियों से नहीं, चुनिंदा की लगी हमे । एक अलग सी हसी रहने लगी, इस हसीन चेहरे पर अब-2 जा रहा हो जैसे हर दिन गजब। सर्वगुण सम्पन्न, कोई न होता। परिक्षा देनी होती , चाहे इम्तेहान भी न होता। वो देखता है, के कोइ और भी है, तेरे करके। तू बस चलता जा नेकी की राह पे , वो देने में कभी देर नी करता🕉️ रख संभाल के, सही जज्बात और चुनौतियों को प्यारे, नाजाने? कब, कहां? कौन तुझे साहिल तक ले जाएंगी। ......... 1 जब मिलता है, फलसफा इन सब का -2 तो जिक्र नी करता, जो करता है। तू करता ओ बंदे, वो कोई और नी करता। मंचला सा मन मेरा, बस कहें कहानियां। भ्रम नहीं ये नज़ाकत है, तेरे की की। ©Aditya Singh Bhandari मेरी कलम से। #Mic