फूल की गंध मे अब वो पहले जैसा नशा नही. है तितलियाँ और भवरौ का आना भी इन दिनों यहां दिखाई नही दीया है श्रदेय अम्मा और बाबादोनों ज़ब से दिवंगत हुए है बहन और बेटियों का भी भी इस तरफ आना नही दिखाई दिया है इस गाँव के खेत पानी के अभाव मे खुश्क होते जा रहेहै भूले से भी कोई बादल इस तरफ आता हुआ दिखाई नही दिया है गाँव का एकमात्र वो लाडला कुवा भी पानी बाँट बाँट कर रिक्त हो चुका है अभी तक नया पानी कुवें मे आता हुआ दिखाई नही दिया है ©Parasram Arora नही दिखाई दिया है #friends