ये रेशमी जुल्फें हैं या कोई विचित्र माया है, आज तक ये राज कोई नहीं जान पाया है, जानें कितनों को अपने जाल में फंसाया है, जो फंस गया वो फिर निकल नहीं पाया है। रेशमी जुल्फें और साथ में हो शरबती आँखें, प्रेम पाश में बंध जाते जैसे जेल की सलाखें, शागिर्दों के लिए लैला, सोनी, शीरी, हीर है, घायल आशिकों के लिए उनकी तक़दीर है। इन जुल्फों के चक्रवात में जो भी समाया है, चाह कर भी भँवर से निकल नहीं पाया है, हे मानव जुल्फ के मामले में तू अभी बच्चा है, रेशमी जुल्फें वालों से उजड़ा चमन अच्छा है। चमकती हैं मृगमरीचिका सी, उनकी रेशमी जुल्फें। जो अक्सर ही राहगीरों के, रस्ते भटका देती है।। 👉आओ अब कुछ लिख जायें।। कोलाब कीजिए और अपने दोस्तों को भी कोलाब करने के लिए आमंत्रित कीजिए :- #रेशमीजुल्फें #collabwithकाव्यपथिक