मिल गया है प्यार में ये आज नज़राना मुझे । कह रहे हैं लोग सारे यार दीवाना मुझे ।।१ बह नही जाना कहीं तू आज फैशन होड़ में । देख तुमको भारती परिधान पहनाना मुझे ।।२ तू नहीं घूँघट उठाती जो वहाँ बाज़ार में । तो नही पड़ता कभी भी यार शर्माना मुझे ।।३ क्या बताएं किस तरह तुमको पुकारा है यहाँ । तुम न आए जो यहाँ तो यार जलजाना मुझे ।।४ चाहतों से आज दिल को तू यहाँ मंदिर बना । और अपनी अर्चना का हार पहनाना मुझे ।।५ फिर नही होगा खुशी का सुन ठिकाना भी यहाँ । अब तुम्हारे दीद कर इस बार मुस्काना मुझे ।।६ यह प्रखर की इल्तिजा है यार सुन ले भी ज़रा । नाम से अपने बना दे आज अफ़शाना मुझे ।।७ ०६/०५/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मिल गया है प्यार में ये आज नज़राना मुझे । कह रहे हैं लोग सारे यार दीवाना मुझे ।।१ बह नही जाना कहीं तू आज फैशन होड़ में । देख तुमको भारती परिधान पहनाना मुझे ।।२ तू नहीं घूँघट उठाती जो वहाँ बाज़ार में । तो नही पड़ता कभी भी यार शर्माना मुझे ।।३