बुलेट ट्रेन के ज़माने में, तुम मूषक पर आए हो। स्लिम फिगर वाली बॉडी छोड़, तुम लम्बोदर कहलाए हो।। ऊंच नीच भेद भाव जब, हर घर में समाया हो। तुम सब कुछ त्यागकर, भारतीयों के मन में छाए हो।। बुलेट ट्रेन के ज़माने में, तुम मूषक पर आए हो। स्लिम फिगर वाली बॉडी छोड़, तुम लम्बोदर कहलाए हो।। ऊंच नीच भेद भाव जब, हर घर में समाया हो। तुम सब कुछ त्यागकर, भारतीयों के मन में छाए हो।।