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Swap_nil

mohobbat 💔🌹 #shyari Love #viral #viarlvideo #shyamal

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Vipin Puspraj

kitni pyari line hai . #shyari #shyamal #Thoughts

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आज फिर उनकी आँखों में       
मुझे वो चाहत नज़र आयी
                  राहत मिली जब 
                   चेहरे तेरे पर 
                 मुस्कुराहट नज़र आयी।

©Vipin Puspraj kitni pyari line hai 
. 
#shyari #shyamal 

#Thoughts

Ankita Dwivedi A.D

Shivank Shyamal

#Love दो पल इंतज़ार में और दो पल तन्हाई में बीते। इकपल का इश्क़-ए-मुकदमा और हम सुनवाई में बीते।। इस गरीब का मुक्कदर बस इतना है कि ये तुम्हारा रहेगा। तुमसे इश्क़ के बाद इसके ख़्वाब भी महंगाई में बीते।। #Hindi #hindipoetry #Love #lovequotes #gazal #shivankshyamalquotes #shyamal

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दो पल इंतज़ार में और दो पल तन्हाई में बीते।
इकपल का इश्क़-ए-मुक़दमा और हम सुनवाई में बीते।।

इस गरीब का मुकद्दर बस इतना है कि ये तुम्हारा रहेगा।
तुमसे इश्क़ के बाद इसके ख़्वाब भी महंगाई में बीते।।

©Shivank Shyamal #Love दो पल इंतज़ार में और दो पल तन्हाई में बीते।
इकपल का इश्क़-ए-मुकदमा और हम सुनवाई में बीते।।

इस गरीब का मुक्कदर बस इतना है कि ये तुम्हारा रहेगा।
तुमसे इश्क़ के बाद इसके ख़्वाब भी महंगाई में बीते।।
#hindi #hindipoetry #love #lovequotes #gazal #shivankshyamalquotes #shyamal

Shivank Shyamal

तेरे इश्क़ में भटका मुसाफ़िर रह-नुमा हो गया। मंज़िल मिले न मिले, पर तुझ में गुमां हो गया।। जिन टूटे कांच के टुकड़ों पर तेरी परछाई पड़ी। वो कांच ख़ुद ब ख़ुद जुड़ कर आइना हो गया।। तुमने मेरे माथे पर सुर्ख़ होंठों से चूमा ही था कि। मैं गुल, मैं गुलबदन ओ मैं ही गुलिस्तां हो गया।।

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तेरे इश्क़ में भटका मुसाफ़िर रह-नुमा हो गया।
मंज़िल मिले न मिले, पर तुझ में गुमां हो गया।।

जिन टूटे कांच के टुकड़ों पर तेरी परछाई पड़ी।
वो कांच ख़ुद ब ख़ुद जुड़ कर आइना हो गया।।

तुमने मेरे माथे पर सुर्ख़ होंठों से चूमा ही था कि।
मैं गुल, मैं गुलबदन ओ मैं ही गुलिस्तां हो गया।।

ज़िंदगी मुक्कमल हो गई तुझको बाहों में भरके।
मैं लगा सीने से तो सिमटकर आसमां हो गया।।

ये सच है चारों ओर बज़्म में बस मेरे ही चर्चे थे।
तेरे आने के बाद मेरा आना खामखां हो गया।।

©Shivank Shyamal तेरे इश्क़ में भटका मुसाफ़िर रह-नुमा हो गया।
मंज़िल मिले न मिले, पर तुझ में गुमां हो गया।।

जिन टूटे कांच के टुकड़ों पर तेरी परछाई पड़ी।
वो कांच ख़ुद ब ख़ुद जुड़ कर आइना हो गया।।

तुमने मेरे माथे पर सुर्ख़ होंठों से चूमा ही था कि।
मैं गुल, मैं गुलबदन ओ मैं ही गुलिस्तां हो गया।।

Shivank Shyamal

मेरी जगह हाज़िरी, कोई और लगा गया। गैरमौज़ूदगी में मेरी, कोई और भा गया।। तुम तक पहुंचने का रस्ता ज़रा सख़्त था। इतनी देर में तुमतक कोई और आ गया।। हम तरसते रहे बस तुम्हें छूने की ख़ातिर। मेरे सामने कोई फलां सीने से लगा गया।।

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मेरी जगह हाज़िरी, कोई और लगा गया।
गैरमौज़ूदगी में मेरी, कोई और भा गया।।

तुम तक पहुंचने का रस्ता ज़रा सख़्त था।
इतनी देर में तुमतक कोई और आ गया।।

हम तरसते रहे बस तुम्हें छूने की ख़ातिर।
मेरे सामने कोई फलां सीने से लगा गया।।

तुम्हारे हाथों में इश्क़ की घड़ी मैंने बांधी।
क़िस्मत देखो वक़्त रकीब का आ गया।।

बिछड़ना ही सबकी लकीरों में लिखा है।
याद वही आता जो मोहब्बत निभा गया।।

©Shivank Shyamal मेरी जगह हाज़िरी, कोई और लगा गया।
गैरमौज़ूदगी में मेरी, कोई और भा गया।।

तुम तक पहुंचने का रस्ता ज़रा सख़्त था।
इतनी देर में तुमतक कोई और आ गया।।

हम तरसते रहे बस तुम्हें छूने की ख़ातिर।
मेरे सामने कोई फलां सीने से लगा गया।।

Shivank Shyamal

तेरे जाने के बाद, क्या गलत क्या सई। तेरी लाख गलतियों से मेरा गलत सई।। क्यूं खुरच रही हो, अतीत के पन्नो को। भूल जाओ, जो बीत गई सो बात गई।। मैं अब तुम्हारे किस्से का किरदार नहीं। जाओ तुम भी लिखो कोई कहानी नई।।

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तेरे जाने के बाद, क्या ग़लत क्या सई।
तेरी लाख गलतियों से मेरा गलत सई।।

क्यूं खुरच रही हो, अतीत के पन्नों को।
भूल जाओ, जो बीत गई सो बात गई।।

मैं अब तुम्हारे क़िस्से का किरदार नहीं।
जाओ तुम भी लिखो कोई कहानी नई।।

होंगी मुझमें भी लाख बुराइयां, पर तुम।
इतनी अच्छी थी, तो छोड़ के क्यूं गई।।

तेरे अस्तित्व से थी, दो जून की रोटियां।
तुम चली गई अब क्या अप्रैल क्या मई।।

©Shivank Shyamal तेरे जाने के बाद, क्या गलत क्या सई।
तेरी लाख गलतियों से मेरा गलत सई।।

क्यूं खुरच रही हो, अतीत के पन्नो को।
भूल जाओ, जो बीत गई सो बात गई।।

मैं अब तुम्हारे किस्से का किरदार नहीं।
जाओ तुम भी लिखो कोई कहानी नई।।

Shivank Shyamal

सपनें बहुत हो गए हैं हम दोनों की जेब में। चलो साथ में, कुछ खर्च कर लिया जाए।। Do comment 🤞 Follow @shyamal_ke_shabd @ayushmannk @poemnprose @wisewriteraward @write_her_writer @rekhta_foundation

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Shivank Shyamal

सपनें बहुत हो गए हैं हम दोनों की जेब में। चलो साथ में, कुछ खर्च कर लिया जाए।। Do comment 🤞 Follow @shyamal_ke_shabd @ayushmannk @poemnprose @wisewriteraward

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सपनें बहुत हो गए हैं हम दोनों की जेब में।
चलो साथ में, कुछ खर्च कर लिया जाए।। सपनें बहुत हो गए हैं हम दोनों की जेब में।
चलो साथ में, कुछ खर्च कर लिया जाए।।

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Shivank Shyamal

मैं कभी जो बातें कह नहीं पाया, वो आज तुमसे कह रहा हूं। दिल में छुपा दर्द, तुम्हें सुनाने की सोच रहा हूं।। तुम सुनोगी? बोलो? क्या तुम सुनोगी? अगर सुनना है, तो ज़रा पास आओ, और मुझे बाहों में भर लो, तब तक,

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मैं कभी जो बातें कह नहीं पाया,
वो आज तुमसे कह रहा हूं।
दिल में छुपा दर्द, 
तुम्हें सुनाने की सोच रहा हूं।।
तुम सुनोगी? बोलो?
क्या तुम सुनोगी?
अगर सुनना है, तो ज़रा पास आओ,
और मुझे बाहों में भर लो, तब तक,
जब तक तुम्हारी सांसें, 
मेरी सांसों की तरह ना चलने लगें। मैं कभी जो बातें कह नहीं पाया,
वो आज तुमसे कह रहा हूं।
दिल में छुपा दर्द, 
तुम्हें सुनाने की सोच रहा हूं।।
तुम सुनोगी? बोलो?
क्या तुम सुनोगी?
अगर सुनना है, तो ज़रा पास आओ,
और मुझे बाहों में भर लो, तब तक,
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