उपासना करते हैं अराधना करते हैं माँ तुझे बारम्बार प्रणाम करते हैं लिखने को शब्द लाए कहाँ से जो व्यक्त करें तुम्हें शब्दों में लब खामोश जुबां मौन ही रखते हैं तेरे आगे हम सब नतमस्तक हैं व्याख्या करें क्या आपकी आपके त्याग की आप खुद को भूल गए हमारा भविष्य बनाने में ©Ankur Mishra #उपासना #worldpostday