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सखी अंधेरे में दिखता नहीं कुछ भी पर अंधेरे को दिखत

सखी अंधेरे में दिखता नहीं कुछ भी
पर अंधेरे को दिखता है बहुत ही

उजाले नहीं पहचान पाते खलचरित्र की सच्चाई
अंधेरों ने बांह पकड़ कर साफ दिखाई सच्चाई

हाल कुछ ऐसा है उजालों से परहेज़ पक्का रखते हैं
अंधेरों  को घर आते जाते रहने के लिए मनाए रखते हैं 
बबली भाटी बैसला

©Babli BhatiBaisla
  हाल

हाल #शायरी

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