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हमें आज़ाद करने को कहीं आज़ाद जन्मा था पचीसी मौत म

 हमें आज़ाद करने को कहीं आज़ाद जन्मा था
पचीसी मौत मरने को कहीं आज़ाद जन्मा था
कि उसके खूँ के छींटे से हुआ था बाग भी पावन 
बधाई भारती माँ को यहीं आज़ाद जन्मा था

©मनीष रोहित गराई✍
 हमें आज़ाद करने को कहीं आज़ाद जन्मा था
पचीसी मौत मरने को कहीं आज़ाद जन्मा था
कि उसके खूँ के छींटे से हुआ था बाग भी पावन 
बधाई भारती माँ को यहीं आज़ाद जन्मा था

©मनीष रोहित गराई✍

हमें आज़ाद करने को कहीं आज़ाद जन्मा था पचीसी मौत मरने को कहीं आज़ाद जन्मा था कि उसके खूँ के छींटे से हुआ था बाग भी पावन बधाई भारती माँ को यहीं आज़ाद जन्मा था ©मनीष रोहित गराई✍ #nojotohindi #शायरी #nojotophoto #Azad #मुक्तक #ChandraShekharAzad #MrgWrites #मनीष_के_मुक्तक