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मुक्ति की अभिलाषा - एक आत्मसंवाद Full poetry in ca

मुक्ति की अभिलाषा -
एक आत्मसंवाद Full poetry in caption
            आत्मसंवाद
मृग भटके वन वन पर कस्तूरी ना पाए ,
एक सुगंध की चाह में , चन्हुओर दौड़ लगाए । १
हर आकांक्षा पूर्ति की अभिलाषा ,
पर क्या है सुख की परिभाषा ।२
अकूत धन या चिर यौवन ,
गृहस्थ जीवन या वन उपवन ।३
मुक्ति की अभिलाषा -
एक आत्मसंवाद Full poetry in caption
            आत्मसंवाद
मृग भटके वन वन पर कस्तूरी ना पाए ,
एक सुगंध की चाह में , चन्हुओर दौड़ लगाए । १
हर आकांक्षा पूर्ति की अभिलाषा ,
पर क्या है सुख की परिभाषा ।२
अकूत धन या चिर यौवन ,
गृहस्थ जीवन या वन उपवन ।३

Full poetry in caption आत्मसंवाद मृग भटके वन वन पर कस्तूरी ना पाए , एक सुगंध की चाह में , चन्हुओर दौड़ लगाए । १ हर आकांक्षा पूर्ति की अभिलाषा , पर क्या है सुख की परिभाषा ।२ अकूत धन या चिर यौवन , गृहस्थ जीवन या वन उपवन ।३ #Salvation #मुक्ति