कल फिर देखा उस लड़की को, जो चौबारे पर रहती है | वो प्रेम की मूरत जैसी है, मैं घायल आशिक जैसा हूं | बस एक झलक की खातिर मैं, हर रोज वहीं से गुजरता हूं | इच्छा है मेरी कि प्रेम मेरा, कभी उसको भी समझाए कोई | मैं उसके लिए हूं दीवाना, यह भी जाकर बतलाए कोई | उससे कह दे कोई जाकर, मैं तन मन धन सब वारूँगा | गर वो बीवी बन जाए मेरी, मैं ताज महल बनवा दूंगा || #ldki #yqbaba #yqdidi #yqdiary #yqpoetry