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White कड़कती है मजबूरियां टूटती हैं पसलियां फट रहा

White कड़कती है मजबूरियां
टूटती हैं पसलियां
फट रहा है शरीर ये जर्जर

घनघोर मुसीबतें छाई हैं 
परेशानियां घिरकर आई हैं 
बरस रहा है नैनों से ये नीर झराझर 

जिंदगी कुंभलाई है 
आंखें चौंधियाई हैं 
गरज रहा है दिल ये धराधर 

उमड़ पड़े हैं सैलाब सारे 
गिर रहे हैं ख्वाब सारे 
ढाहे जा रहे हैं ये सितम बराबर 
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©Rakesh frnds4ever
  #उमड़तीजिंदगी 

#कड़कती  है मजबूरियां
टूटती हैं पसलियां
#फट  रहा है शरीर ये जर्जर

#घनघोर  मुसीबतें छाई हैं 
परेशानियां घिरकर आई हैं

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