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Rakesh frnds4ever
White घनघोर घटाएं छाई हैं बदलियां घिरकर आई हैं बरस रहा है नैनों से ये नीर झराझर जिंदगी कुंभलाई है आंखे चोंधियाई हैं गरज रहा है दिल ये धराधर कड़क रही है बिजिलियां मन की ये तितलियां फड़फड़ा रही हैं कोने में दुनिया की ये कायनात सारी लगी है मुझको डुबोने में घर,परिवार,दोस्त ,प्यारे, कब, कहां होते हैं अपने जब से जुड़े हैं हम तो इनसे तब से बस लग रहे हैं तड़पने,,.... ©Rakesh frnds4ever #उमड़तीजिंदगी #घनघोर घटाएं छाई हैं #बदलियां घिरकर आई हैं #बरस रहा है नैनों से ये #नीर झराझर #जिंदगी कुंभलाई है आंखे चोंधियाई हैं
बेजुबान शायर shivkumar
अगर तुम एक कदम रुक गए तो । तुम सब से पीछे ही रह जाओगे ।। अब वो मंजिल भी दुर नही । बस कुछ ही मोड़ अभी और बकी है ।। एक पल भी मेरी नज़रों से मेरी मंजिल यु ओझल ना हो । दिल की धड़कन ही तो हरपल यही शोर सा करती है ।। चाहे गरजे बादल या बिजली ही चमके । घनी हो आंधियां या घनघोर बारिश बरसे ।। उसकी ओर हर मुश्किल को यु पार कर जाना है । अब वो मंजिल भी दुर नही बस कुछ ही मोड़ अभी और बकी है ।। पैर चाहे चलते-चलते क्यू न थक जाये । या कोई पथरीली रास्तो में बाधा डाले ।। एक भोर घने अंधियारे के बाद ही आती है । अगर तुम एक कदम रुक गए तो तुम सब से पीछे ही रह जाओगे ।। ©Shivkumar #trafficcongestion #traffic #Nojoto अगर तुम एक कदम रुक गए तो । तुम सब से पीछे ही रह जाओगे ।। अब वो मंजिल भी दुर नही ।
#trafficcongestion #traffic अगर तुम एक कदम रुक गए तो । तुम सब से पीछे ही रह जाओगे ।। अब वो मंजिल भी दुर नही ।
read moreUttam Dixit
चाहे रात से हो जाए भोर, तुम्हारा wait करेंगे, चाहे तुम खूब करो इग्नोर, तुम्हारा wait करेंगे, तुम माफ करो चाहे न करो, पर सोच लिया है, भले ही नींद आए घनघोर, तुम्हारा wait करेंगे.. चाहे #रात से हो जाए #भोर , तुम्हारा #wait करेंगे...😊😘 #udquotes #udshayari #इग्नोर #नींद #घनघोर
Naresh_ke_lafz
उड़े है पंछी आसमाँ की ओर काली घटा छायी है ये घनघोर दानो की तलाश में निकले हैं घर से पर अब चारो तरफ पसरा हुआ है शोर #घनघोर Swapnil Bajad (mr.shayar) Dr.Tasleem बरेलवी Diya Sambhav jain(महफूज़_जनाब) #suman#
Dev Sharma
#किसान #गीत #Nojoto #nojotohindi जो घनघोर बरसता है और आसमान से लड़ता क्यूं है सूरज से आंख लिए लड़ता फिर भले चांद से डरता क्यूं है सांझ ढले तक देह खरोंचे रे भोर तले तक नींदों को नौंचे माटी है बाहर, भीतर है माटी दिन रात पसीना माटी से पौंछे जो भरता है पेट ,पेट को
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