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भगवान ने हमें सबसे अनमोल चीज मानव जीवन

           भगवान ने हमें सबसे अनमोल चीज मानव जीवन दिया जो बहुत दुर्लभ है पर हम इस मानव जीवन को व्यर्थ ही गवा रहे हैं। हम समाज में रहते हैं, समाज एक विशाल रुप है पर उसका दायरा बहुत छोटा हो गया है । हमारी सोच जो हमे महान भी बना देती है और अपमान और घृणा का पात्र भी।
           संकीर्ण सोच का ही परिणाम है कि आज भारत देश अनेक जातियों संप्रदाय धर्मों में बट गया, और इन्हीं को आधार बनाकर हम एक दूसरे से लड़ते रहते हैं । यह सिर्फ सोच का ही तो परिणाम है, अगर हम सब सोच ले कि हम सब भारतवासी हैं। विचारों में मतभेद नहीं रहे, तो हम आसानी से अपना जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
           मैं यह नहीं कह रहा कि हम सभी की सोच संकीर्ण हैं या गलत है पर कुछ हमारे भाई बंधुओं कि सोच बहुत संकीर्ण है और उन्हीं की वजह से  हमारे देश के भीतर हमारे समाज में उन्मुक्त वातावरण नहीं रहा हम एक दूसरे से लड़ते रहते हैं। 

          हम सभी भारतीयों को आत्ममंथन करने की बहुत जरूरत है ताकि हमारा देश खुशहाल रहे। छोटी छोटी चीजों पर हम लड़ाई झगड़ा नहीं करें ।सभी धर्मों संप्रदायों का आदर करें। एक दूसरे की भावनाओं को समझें ।परस्पर मिलकर सौहार्द पूर्ण अपना जीवन बसर करें।

*  मेरी द्वारा कहे गए किसी भी शब्दों से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो मैं क्षमा प्रार्थी हूं। #जश्न_ए_इश्क़ 
#कोराकाग़ज़ 
#अल्फाज_ए_कृष्णा 
#समाज 
#सोच 
#yqdidi 
#collabwithकोराकाग़ज़
           भगवान ने हमें सबसे अनमोल चीज मानव जीवन दिया जो बहुत दुर्लभ है पर हम इस मानव जीवन को व्यर्थ ही गवा रहे हैं। हम समाज में रहते हैं, समाज एक विशाल रुप है पर उसका दायरा बहुत छोटा हो गया है । हमारी सोच जो हमे महान भी बना देती है और अपमान और घृणा का पात्र भी।
           संकीर्ण सोच का ही परिणाम है कि आज भारत देश अनेक जातियों संप्रदाय धर्मों में बट गया, और इन्हीं को आधार बनाकर हम एक दूसरे से लड़ते रहते हैं । यह सिर्फ सोच का ही तो परिणाम है, अगर हम सब सोच ले कि हम सब भारतवासी हैं। विचारों में मतभेद नहीं रहे, तो हम आसानी से अपना जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
           मैं यह नहीं कह रहा कि हम सभी की सोच संकीर्ण हैं या गलत है पर कुछ हमारे भाई बंधुओं कि सोच बहुत संकीर्ण है और उन्हीं की वजह से  हमारे देश के भीतर हमारे समाज में उन्मुक्त वातावरण नहीं रहा हम एक दूसरे से लड़ते रहते हैं। 

          हम सभी भारतीयों को आत्ममंथन करने की बहुत जरूरत है ताकि हमारा देश खुशहाल रहे। छोटी छोटी चीजों पर हम लड़ाई झगड़ा नहीं करें ।सभी धर्मों संप्रदायों का आदर करें। एक दूसरे की भावनाओं को समझें ।परस्पर मिलकर सौहार्द पूर्ण अपना जीवन बसर करें।

*  मेरी द्वारा कहे गए किसी भी शब्दों से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो मैं क्षमा प्रार्थी हूं। #जश्न_ए_इश्क़ 
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