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काश कोई दिल का दर्द खरिद लेता बेचने को मेला, खरिदन

काश कोई दिल का दर्द खरिद लेता
बेचने को मेला, खरिदने को कोई नहीं होता
कितना भी किसी को अपना मानो
खुद के सिवा यहां कोई अपना नहीं होता
गुस्सा तो अपनो पर है आता
नादान दिल की बात यहाँ कोई नहीं जानता
चल पगले , अब संभल भी जा , हसी को गले लगा
रुठणे पर किसिको यहाँ कोई फर्क नहीं पडता

©Ashvini Patil
  #Problems