Nojoto: Largest Storytelling Platform

मर्द -------------------------- दिल और


           मर्द
--------------------------
दिल औरत का कभी ना फीरे 
 तुम्हारी तरफ से
गर औरत का सम्मान ना
चीनो तुम औरत से

मोम सा दिल पाया है औरत ने
पत्थर जैसी जुबाँ का दबाव
क्यों डालते हो

प्यार से अपनी तुम उसका दिल
छू लो गर
ज़िन्दगी भर अपने प्यार की
रौशनी से तुम्हारी ज़िन्दगी
और घर आँगन को रोशषण करें गी

औरत इस्तिमाल की चीज़ नहीं है
औरत तो घर का वो शो पीस है
जिसे गगर तुम संभाल कर रखो गे तो
तुम्हारे घर की ख़ूबसूरती बारकरार
रहे गी है  वरना औरत के बिना
घर शमशान लगेगा

©NIKHAT (दर्द मेरे अपने है )
  #womeninternational  Mahi heartlessrj1297 Ek Alfaaz Shayri Adhuri Hayat Arshad Siddiqui  Sherni Neel J P Lodhi. Lalit Saxena poet Samiksha jaga