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दिल की बात दिल ही जाने, दिल बैरी क्यों हुआ मुझसे आ

दिल की बात दिल ही जाने,
दिल बैरी क्यों हुआ मुझसे आख़िर?
नज़रें नकारे सारे काम,
तेरे राह से गुज़रने को मुंतज़िर।
आगाज़ लगे नए बदलावों का,
जैसे हो गई हो मैं रह-ए-उल्फत की मुसाफ़िर। 🎀 Challenge-176 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 कोराकाग़ज़ समूह आज लेकर आया है चार लेखकों को मिलकर करने वाला कोलाब जिसका नाम है "दिल की बात"।

🎀 जैसे चाहो वैसे लिखो और जितना चाहो उतना लिखो पर करनी है आपको दिल की बात।

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं।
दिल की बात दिल ही जाने,
दिल बैरी क्यों हुआ मुझसे आख़िर?
नज़रें नकारे सारे काम,
तेरे राह से गुज़रने को मुंतज़िर।
आगाज़ लगे नए बदलावों का,
जैसे हो गई हो मैं रह-ए-उल्फत की मुसाफ़िर। 🎀 Challenge-176 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 कोराकाग़ज़ समूह आज लेकर आया है चार लेखकों को मिलकर करने वाला कोलाब जिसका नाम है "दिल की बात"।

🎀 जैसे चाहो वैसे लिखो और जितना चाहो उतना लिखो पर करनी है आपको दिल की बात।

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं।

🎀 Challenge-176 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 कोराकाग़ज़ समूह आज लेकर आया है चार लेखकों को मिलकर करने वाला कोलाब जिसका नाम है "दिल की बात"। 🎀 जैसे चाहो वैसे लिखो और जितना चाहो उतना लिखो पर करनी है आपको दिल की बात। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #दिलकीबात #अनाम #कोराकाग़ज़