माँ की ममता का, कोई भी मोल नहीं है, जहाँ में कुछ भी उस से अनमोल नहीं है। हर एहसास के बदले देती है सिर्फ प्यार, बला से बचाने को उस सी खोल नहीं है। इंसान माहिर है हिसाब-किताब करने में, रहती बे-हिसाब, वह करती तोल नहीं है। उसके विश्वास से मिलता मन को हौसला, साथ से ही आस,होती डवाँ-डोल नहीं है। लफ़्ज़ काफ़ी नहीं, उसे जताया करो 'धुन', उसके प्यार सा गाढ़ा, कोई घोल नहीं है। खोल- Cover 'माँ की ममता' #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #kksc8 #माँकीममता #विशेषप्रतियोगिता #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat