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# "यादों के आईने में उभरी है आज ए | English Poetry

"यादों के आईने में उभरी है आज एक धुंधली-सी याद,
उम्र मेरी रही होगी करीब आठ-दस साल।
पाँचवीं-छठी में मैं पढ़ती थी प्रश्न को प्रसन्न कहती थी।
वैसे बोली बिल्कुल सही थी और बोली में मिठास भी थी।
बस प्रश्न को मुझसे प्रसन्न ही बोला जाता था,
और यही उपहास का कारण बन जाता था।
इतिहास की अध्यापिका मुझे छेड़ा करती थीं,
बात-बात पर यह शब्द मेरे मुँह से निकलवाया करती थीं।
anjalisinghal5635

Anjali Singhal

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streak icon88

"यादों के आईने में उभरी है आज एक धुंधली-सी याद, उम्र मेरी रही होगी करीब आठ-दस साल। पाँचवीं-छठी में मैं पढ़ती थी प्रश्न को प्रसन्न कहती थी। वैसे बोली बिल्कुल सही थी और बोली में मिठास भी थी। बस प्रश्न को मुझसे प्रसन्न ही बोला जाता था, और यही उपहास का कारण बन जाता था। इतिहास की अध्यापिका मुझे छेड़ा करती थीं, बात-बात पर यह शब्द मेरे मुँह से निकलवाया करती थीं। #Poetry #लेख #लेखांकन #AnjaliSinghal

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