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दुःख मिले थे बहुत, चाहत में तेरी सनम, सुख मिलेगा

दुःख मिले थे बहुत, 
चाहत में तेरी सनम,
सुख मिलेगा कभी,
था ये मुझको भरम,
बारिशें जब हुई,
धुल गयीं सब जगह,
साफ़ सब हो गया,
मिट गया सब भरम,
देर से ही सही,
अब पता चल गया,
तुझसे दर्द-ओ-शितम की,
न रही अब वज़ह..

©HINDI SAHITYA SAGAR
  #walkalone 
#दुख 
#SAD 
दुःख मिले थे बहुत, 
चाहत में तेरी सनम,
सुख मिलेगा कभी,
था ये मुझको भरम,
बारिशें जब हुई,

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