पापा ला दो तिरंगा झंडा, मैं भी अब लहराऊँगा। अपने


पापा ला दो तिरंगा झंडा, मैं भी अब लहराऊँगा।
अपने घर की छत के ऊपर, इसको कल फहराऊँगा।।
गुरुजी ने बतलाया हमको,इसके संदेश निराले।
रंग केशरिया त्याग वाला, नव वीर-व्रती थे पाले।।
शांति अहिंसा श्वेत रंग में, जन-जन को बतलाऊँगा।
हरे रंग की हरियाली में,हर घर की खुशहाली है।
नये दौर के नव सपनों से, समृद्धि आने वाली है।।
नमन करूँगा वीरों को मैं, नारे खूब लगाऊँगा।
चक्र चौबीस संदेश कहे, कर्मवीर सुख पाते हैं।
कर्मशील जो बने देश हित, जग में नाम कमाते हैं।।
गली-गली मैं घूम-घूमकर, गीत देश के गाऊँगा।
पापा ला दो तिरंगा झंडा, मैं भी अब लहराऊँगा।।

©Subhash Singh
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