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दर्द ही मुहब्बत की निशानी हो गई, ज़माना कहे ये रीत

दर्द ही मुहब्बत की निशानी हो गई,
ज़माना कहे ये  रीत पुरानी हो गई।

ज़ख्म दे कर 'उजाला' वो कहता रहा,
सच्चे प्रेमियों की यही कहानी हो गई।

©अनिल कसेर "उजाला"
  रीत