*📝“सुविचार"*📚 ✍🏻 *“13/9/2021”*🖋️ 📘 *“ सोमवार”*✨ हमारा यह “श्वास”(साँस) पर ही तो आधारित है। “श्वास” है तो “जीवन” है “श्वास” रूक जाए तो “जीवन” भी “थम” ही जाता है। हमारे “जीवन” की ये “ज्योत” कभी भी “बुझ” सकती है और “कितना समय” हमारे पास और शेष है। इसका हमें कोई “अनुमान” नहीं, क्योंकि जो “क्षण” हम अभी जी सकते है क्यों न उसका “सदुपयोग” ही किया जाए। कोई “सत्कर्म” किया जाए। ऐसे “कर्म” किए जाए जिससे हमारे “व्यक्तित्व” में ऐसा “निखार” आ जाए। कि हमारी “मृत्यु” के पश्चात भी ये “संसार” हमें “ह्रदय” में “जीवित” रखे। क्योंकि एक बात तो है “मृत्यु” एक “अटल सत्य” है इसे “स्वीकारना” ही होगा उसे “स्मरण” रखना ही होगा। और जो समय है उसका “सदुपयोग” किजिए और “कोशिश” ये भी किजिए कि “अच्छे लोगों” से सदैव कुछ “सीखा” जाए और “बुरी मानसिकता” वाले “लोगों” से “दूर” ही रहा जाए... *अतुल शर्मा🖋️📝* ©Atul Sharma *📝“सुविचार"*📚 ✍🏻 *“13/9/2021”*🖋️ 📘 *“ सोमवार”*✨ #“श्वास”(साँस) #“जीवन”